Business Insurance in Hindi

Business Insurance in Hindi (बिजनेस इंश्योरेंस)

एक Business Insurance किसी कंपनी के व्यवसाय को उसके दैनिक संचालन के दौरान होने वाले किसी भी प्रकार की वित्तीय हानि से सुरक्षा प्रदान करता है। एक बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसीधारक को कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों से संबंधित जोखिमों और कंपनी की संपत्ति को हुए किसी प्रकार के नुकसान और साथ ही साथ कंपनी की किसी प्रकार की कानूनी देनदारियों के लिए बीमा कवरेज प्रदान करता है। 


इस प्रकार की घटनाएं किसी भी व्यक्ति के व्यवसाय को वित्तीय नुकसान पहुंचा सकती हैं। इससे कंपनी के व्यवसाय के बंद होने का खतरा होता है जिससे आय का नुकसान होता है। साथ ही कंपनी की छवि भी बाजार में खराब होती है। आज हम इस लेख में बिजनेस इंश्योरेंस के बारे में विस्तार से जानेंगे। हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि एक बिजनेस इंश्योरेंस क्या होता है और उसकी विशेषताएं & लाभ क्या है। तो चलिए बिजनेस इंश्योरेंस के बारे में और विस्तार से जानकारी प्राप्त करें। 

 

Table of Contents

  • What is Business Insurance in Hindi?
  • Features of Business Insurance in Hindi
  • Benefits of Business Insurance
    Policy in Hindi
  • Types of Business Insurance in Hindi
  • Why should you buy Business
    Insurance in Hindi?
  • Things to consider before buying
    Business Insurance Policy in Hindi

 

 

बिजनेस इंश्योरेंस क्या है? (What is Business Insurance in Hindi?)

बिजनेस इंश्योरेंस एक प्रकार का बीमा होता है जो किसी व्यवसाय को होने वाले किसी भी प्रकार की वित्तीय नुकसान के खिलाफ सुरक्षा कवच प्रदान करने का कार्य करता है। एक बिजनेस इंश्योरेंस के माध्यम से कंपनी की वित्तीय संपत्ति, बौद्धिक संपदा, कंपनी के भौतिक स्थान के साथ-साथ लेनदेन में होने वाली क्षति को भी कवर किया जाता है। एक बिजनेस के माध्यम से पॉलिसीधारक अपने व्यवसाय में होने वाले भारी वित्तीय नुकसान से खुद को सुरक्षित कर सकता है। 


यह बीमा पॉलिसी कंपनी के व्यवसाय को प्राकृतिक आपदाओं, चोरी, मुकदमों, कर्मचारियों से संबंधित नुकसान जैसे- चोट या मृत्यु जैसी घटनाओं से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति को कवर करके कंपनी के वित्तीय नुकसान को कम करने का प्रयास करता है। 

 

 

बिजनेस इंश्योरेंस की विशेषताएं (Business Insurance Features in Hindi)

भारत में बिजनेस इंश्योरेंस करवाना कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है, लेकिन आपको अपने बिजनेस को वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए एक बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी को अवश्य खरीदना चाहिए। अब हम बिजनेस इंश्योरेंस की कुछ विशेषताओं के बारे में जानेंगे। 


1. यदि आग या प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़, भूकंप, तूफान आदि) के कारण आपके बिजनेस को किसी प्रकार का नुकसान होता है तो एक बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी इस हानि की भरपाई पॉलिसीधारक को करता है। 


2. एक बिजनेस इंश्योरेंस किसी व्यवसाय की तृतीय पक्ष देवता को कवर करता है। 


3. अगर किसी व्यवसाय के कर्मचारी के काम के दौरान किसी प्रकार की चोट लगती है या मृत्यु हो जाती है तो एक बिजनेस इंश्योरेंस इसको भी कवर किया जाता है। 


4. अगर किसी प्रकार की आपदा के कारण कंपनी का कार्य रुक जाता है और कंपनी  के मुनाफे में कमी या नुकसान होता है तो इस प्रकार के वित्तीय नुकसान को भी एक बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी के माध्यम से कवर किया जाता है। 


5. अगर किसी प्रकार की लापरवाही या त्रुटियों के कारण किसी व्यवसाय को नुकसान होता है तो इसे भी इस बीमा के माध्यम से कवर किया जाता है। 

 

 

बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी के लाभ (Business Insurance Policy Benefits in Hindi)

बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी के लाभ इस प्रकार हैं:

  • एक बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी आग या प्राकृतिक आपदा जैसी घटनाओं के कारण कंपनी के दैनिक संचालन में रुकावट के कारण होने वाले नुकसान से व्यवसाय की रक्षा करता है। 
  • किसी व्यवसाय का बीमा करवाने पर कंपनी की विश्वसनीयता में वृद्धि होती है। 
  • बिजनेस इंश्योरेंस के माध्यम से नियोक्ता कर्मचारियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करता है जिससे कंपनी के भीतर कर्मचारियों के बीच प्रतिभाओं को बनाए रखने में मदद मिलती है और अंत में यह कंपनी के विकास में सहायक होता है। 
  • वर्त्तमान में ग्राहक उन कंपनियों पर अधिक विचार करते हैं जो एक बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी से कवर होते हैं। 
  • एक बिजनेस इंश्योरेंस व्यवसाय की भौतिक संपत्ति जैसे- फर्नीचर, कंप्यूटर आदि को किसी भी प्रकार के होने वाले नुकसान से पूरी तरह सुरक्षित रखते हैं। 

 

 


बिजनेस इंश्योरेंस के प्रकार (Types of Business Insurance in Hindi)

बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी के विभिन्न
प्रकार इस प्रकार हैं-

 

1. देयता
नीतियां (Liability
Policies):

इस प्रकार का बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी किसी व्यवसाय को तीसरे पक्ष देयता से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। अगर व्यवसाय के कारण किसी तीसरे पक्ष को शारीरिक चोट या संपत्ति का नुकसान होता है तो इससे उत्पन्न होने वाली देयता  लागत को बिजनेस इंश्योरेंस के माध्यम से पूरा किया जाता है। 

यदि आपके कंपनी के खिलाफ किसी प्रकार प्रकार का कानूनी मुकदमा चल रहा हो तो उसमें आने वाली लागत को भी इस बीमा पॉलिसी के माध्यम से कवर किया जाता है। इस पर लगने वाला सभी प्रकार के खर्चे को बीमा कंपनी वाहन करती है। 

2. कर्मचारी
बीमा पॉलिसियां (Employee Insurance Policies):

इस प्रकार के बीमा पॉलिसियों को श्रमिक मुआवजा योजना के रूप में भी जाना जाता है। यह बीमा व्यवसाय मालिकों द्वारा कर्मचारियों को लगने वाले किसी प्रकार की चोट या बीमारी से उत्पन्न होने वाले खर्चे की लागत को वहन करने में मदद करती हैं। यह पालिसी किसी प्रकार के कानूनी लागत को भी कवर करता है यदि मृतक कर्मचारी के परिवार द्वारा किसी प्रकार का मुकदमा कंपनी पर किया जाता है। 

3. संपत्ति
नीतियां (Property Policies):

इस प्रकार के बीमा में कंपनी की संपत्ति को हुए किसी प्रकार के नुकसान की मरम्मत या प्रतिस्थापन लागत को कवर किया जाता है। इस बीमा पॉलिसी में आमतौर पर व्यवसाय का भौतिक स्थान, छतिग्रस्त उपकरण, दस्तावेज या अन्य संपत्ति को हुई क्षति को कवर किया जाता है। 

 

4. आय
के नुकसान के लिए कवर
(Cover for Loss of Income):

इस प्रकार की बीमा पॉलिसी में यदि किसी आपदा के कारण व्यवसाय का संचालन  कुछ समय के लिए बंद हो जाता है तो इससे होने वाले आए के नुकसान को कवर किया जाता है। 

 

5. उत्पाद
देयता बीमा (Product Liability Insurance):

यह ऐसे व्यवसाय के लिए उपयोगी होती है जो विनिर्माण क्षेत्र में है। इसमें उत्पादों के कारण होने वाले नुकसान के कारण उत्पन्न मुकदमे के खर्चे को कवर किया जाता है। 

 

6. वाहन
बीमा (Vehicle Insurance):

इस प्रकार के बीमा पॉलिसी में कंपनी के व्यवसाय के संचालन में उपयोग किए जाने वाले वाहनों को कवर किया जाता है। भारत में एक तृतीय पक्ष बीमा लेना कानूनी रूप से अनिवार्य है, चाहे वाणिज्य हो या व्यवसायिक वाहन हो। यदि कर्मचारी अपने निजी वाहनों का उपयोग भी करते हैं तो उनको व्यक्तिगत दुर्घटना या अन्य नुकसान के दौरान उन्हें कवर प्रदान किया जाता है। 

7. वाणिज्यिक
वाहन बीमा (Commercial Vehicle Insurance):

किसी कंपनी के व्यवसाय में वाणिज्यिक सेवा प्रदान करने वाले वाहनों को इस बीमा पॉलिसी के माध्यम से कवर किया जाता है। इसमें वाहनों को होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है। 


8. व्यापार
रुकावट बीमा (Business Interruption
Insurance):

किसी कंपनी के व्यवसाय में वाणिज्यिक सेवा प्रदान करने वाले वाहनों को इस बीमा पॉलिसी के माध्यम से कवर किया जाता है। इसमें वाहनों को होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है। 

 

 

 

आपको बिजनेस इंश्योरेंस क्यों लेना चाहिए? (Why should you buy Business Insurance in Hindi?)

अगर आप एक छोटे व्यवसाय के मालिक हैं तो आपको बिजनेस इंश्योरेंस अवश्य लेना चाहिए क्योंकि एक छोटे व्यवसाई के पास वित्तीय जोखिम की संभावना अधिक होती है और उसको फंड मिलने की संभावना भी काफी कम होती है। 


आप एक बिजनेस इन्शुरन्स से अपने व्यवसाय को वित्तीय जोखिमों के प्रति सुरक्षित कर सकते हैं। अगर व्यवसाय मालिक के पास अपने वित्तीय जोखिम का आकलन करने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है तो इसके लिए एक अनुभवी और लाइसेंस प्राप्त प्रतिष्ठित बीमा एजेंट की सहायता ले सकते हैं। 


एक बिजनेस इंश्योरेंस आपके व्यवसाय को किसी भी प्रकार के नुकसान जैसे- आग, चोरी, क़ानूनी दायित्व, तृतीय पक्ष देयता, श्रमिकों के प्रति देयता, चिकित्सा आदि के खर्चो की लागत से सुरक्षा प्रदान करता है। 

 

 

 

बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले ध्यान
देने योग्य बातें (Things to consider before
buying Business Insurance Policy in Hindi)

बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय आपको निम्न कुछ
बातों का ध्यान रखना
चाहिए-

 

1. जोखिम आकलन:

आपको एक बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले अपने व्यवसाय के जोखिम का आकलन करना आवश्यक होता है। सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपके व्यवसाय के किन-किन क्षेत्र में आपको बीमा की आवश्यकता है। आप अपने जोखिम का आकलन करके फिर आप अपनी आवश्यकता के अनुसार बीमा पॉलिसी का चुनाव कर सकते हैं। अन्यथा अगर आप बिना जोखिम का आकलन किये बीमा पॉलिसी का चुनाव करते हैं तो आपको बेवजह अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है क्योंकि हो सकता है कि आपको उस क्षेत्र में बीमा पॉलिसी की आवश्यकता हो ही ना। अगर आप अपने व्यवसाय के जोखिम आकलन  करने में करने में सक्षम नहीं है तो आप इसके लिए किसी प्रतिष्ठित एजेंट की मदद भी ले सकते हैं जो आपके व्यवसाय के जोखिम का आकलन कर सके और आप एक उचित बीमा पॉलिसी का चुनाव कर सकें। 

 

2. शोध करें:

बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले यह आवश्यक है कि आप बीमा बाजार में उपलब्ध सभी बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में अच्छी तरीके से जानकारी हासिल करने के पश्चात आप अपने व्यवसाय की आवश्यकता के अनुसार उनमें से सबसे बेहतर पॉलिसी का चुनाव करें। जल्दीबाजी में किसी भी बीमा पॉलिसी का चुनाव ना करें। इसके लिए आप पर्याप्त समय दें और पर्याप्त शोध करें। 

 

3. बीमा
कवरेज:

बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी में बीमा कवरेज एक बीमा कंपनी से दूसरे बीमा कंपनी में भिन्न-भिन्न होती है। आपको सबसे पहले अपने व्यवसाय के लिए आवश्यक बीमा कवरेज की खोज करनी चाहिए। उसके पश्चात आप सभी बीमा कंपनियों के बीमा पॉलिसी की तुलना करके अपने लिए एक अच्छे बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव कर सकते हैं जो आपके व्यवसाय में सभी प्रकार के वित्तीय जोखिम को कवर करें। 

 

4. प्रतिष्ठित एजेंट:

अगर आपको बिजनेस इंश्योरेंस के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है तो आप इसके लिए एक प्रतिष्ठित एजेंट की सहायता ले सकते हैं। इसके माध्यम से आप अपनी सभी प्रकार की शंकाओं को पूरी तरीके से दूर कर सकते हैं और अपने व्यवसाय के लिए एक अच्छा बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी चुन सकते हैं। साथ ही आपको बिज़नेस  बीमा पॉलिसियों के रिव्यु (Review) को ऑनलाइन जाकर देखना चाहिए ताकि आप उसकी अच्छाइयों और बुराइयों के बारे में अवगत हो सकें। 


5. बीमा आवश्यकताओं की समीक्षा:

समय के साथ आपके व्यवसाय की देनदारी भी बढ़ सकती हैं। अतः आपको पहले अपने व्यवसाय कि भविष्य में जरूरतों की समीक्षा करने की आवश्यकता होती है। आप इसके माध्यम से भविष्य में आपकी व्यवसाय पर पड़ने वाले किसी भी प्रकार के वित्तीय जोखिम को कम कर सकते हैं। हो सकता है कि आप वर्तमान में जो बीमा पॉलिसी अपने व्यवसाय के लिए ले रहे हो वह भविष्य के लिए पर्याप्त ना हो। इसलिए आपको वर्तमान के साथ-साथ आने वाले समय में अपने व्यवसाय पर पड़ने वाले वित्तीय जोखिमों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। इसी आवश्यकता के अनुसार आप अपनी बिजनेस इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव कर सकते हैं। 

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