Credit Card Ki Limit Kitni Hoti Hai? (क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होती है?)

Credit Card Ki Limit Kitni Hoti Hai? (क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होती है?)

इस लेख में हम आपको क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होती है? के बारे में जानकारी देंगे। एक क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय आपको अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का पता होना जरूरी होता है। क्योंकि अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड लिमिट से अधिक खर्च करते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा लगाए गए शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है जो आप पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालता है। 


इससे पहले कि हम क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होती है? के बारे में चर्चा करें, हमें यह पता होना आवश्यक है कि क्रेडिट लिमिट होती क्या है। हमने नीचे आपको क्रेडिट लिमिट से संबंधित सभी जानकारी देने का प्रयास किया है। 


तो चलिए क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होती है? के बारे में विस्तार से चर्चा करें। 

Table of
Contents

  • क्रेडिट लिमिट क्या है?
  • Credit Card Ki Limit Kitni Hoti Hai
  • बैंक आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा कैसे
    निर्धारित करते हैं?
  • क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे
    बढ़ाये
  • कुल क्रेडिट सीमा और उपलब्ध क्रेडिट
    सीमा के बीच अंतर

 

क्रेडिट लिमिट क्या है? (What is Credit Limit in Hindi?

जब भी क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता  द्वारा किसी व्यक्ति को एक क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है तो क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड से खर्च खर्च करने की एक सीमा निर्धारित की जाती है। इसी निर्धारित धनराशि की सीमा के अंदर ही हम अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खर्च कर सकते हैं। इसी सीमा को हम क्रेडिट लिमिट के नाम से जानते हैं। 


इस प्रकार एक क्रेडिट लिमिट क्रेडिट कार्ड से खर्च की जाने वाली वह अधिकतम राशि है जिसे हम अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से खर्च कर सकते हैं। 


मान लीजिए अगर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा आपको ₹1 लाख रुपये तक की क्रेडिट लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाता है तो आप अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ₹1 लाख रुपये तक की धनराशि बिना किसी रोक-टोक के खर्च सकते हैं। लेकिन आप अगर ₹1 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च करना चाहते हैं तो आप ऐसा नहीं कर सकते हैं। 


कुछ बैंक द्वारा आपको लिमिट से अधिक धनराशि खर्च करने की सुविधा भी प्रदान की जाती है लेकिन इसके लिए वह आपसे अतिरिक्त शुल्क की वसूली भी करते हैं। 


एक क्रेडिट कार्ड की लिमिट कई कारकों पर निर्भर करती है। जैसे- व्यक्ति की आय, उम्र, वर्तमान कर्ज, क्रेडिट राशि, रोजगार स्थिति, क्रेडिट इतिहास, क्रेडिट स्कोर आदि। हम इसके बारे में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे। 



Credit Card Ki Limit Kitni Hoti Hai? (क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होती है?)

अब मुख्य प्रश्न यह है कि एक क्रेडिट कार्ड की लिमिट कितनी होती है? तो हम आपको बता दें एक क्रेडिट कार्ड की लिमिट कई कारकों पर निर्भर करती है। इन कारकों के आधार पर ही एक व्यक्ति को प्रदान किए जाने वाले क्रेडिट कार्ड की लिमिट निर्धारित की जाती है। 


आमतौर पर आप एक क्रेडिट कार्ड पर ₹10,000 से लेकर लाखों रुपए तक की तक की क्रेडिट लिमिट प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन अधिक क्रेडिट लिमिट प्राप्त करने के लिए आपको बैंक द्वारा निर्धारित कुछ योगिता को धारित करना आवश्यक होता है। जैसे उच्च आय, अच्छा क्रेडिट स्को,र रोजगार की स्थिति आदि। 


हम एक अच्छे क्रेडिट लिमिट के लिए आवश्यक कारको के बारे में आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं। 



बैंक आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा कैसे निर्धारित करते हैं?

एक क्रेडिट कार्ड लिमिट का काम या अधिक होना। पूर्णरूप से कुछ कारकों पर निर्भर करता है। अब हम उन कारकों के बारे में चर्चा करेंगे जो आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट को प्रभावित करती है। 


अगर आप नीचे बताए गए बिंदुओं के लिए योग्यता धारित करते हैं तो आप अधिक क्रेडिट लिमिट प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए क्रेडिट कार्ड की लिमिट प्रभावित करने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में और विस्तार से जाने। 


आमतौर पर एक क्रेडिट कार्ड की लिमिट को निम्न कारक प्रभावित करते हैं-

  • वार्षिक आय
  • उम्र
  • वर्तमान कर्ज 
  • क्रेडिट की राशि
  • रोजगार स्थिति
  • क्रेडिट इतिहास
  • क्रेडिट स्कोर
  • क्रेडिट कार्ड की प्रकृति 
  • पहला क्रेडिट कार्ड



1. वार्षिक आय:

एक क्रेडिट कार्ड की लिमिट आप की वार्षिक आय पर काफी हद तक निर्भर करती है। अगर आपकी वार्षिक आय कम है तो आपको काम क्रेडिट लिमिट दी जाती है। लेकिन आप अगर आप की वार्षिक आय अधिक है तो आपको अधिक क्रेडिट लिमिट प्रदान की जाती है। इसके पीछे मुख्य तर्क यह होता है कि एक अधिक वार्षिक आय वाला व्यक्ति अपने ऋण को चुकाने में सक्षम होता है जबकि एक कम वार्षिक आय वाला व्यक्ति अपने ऋणों को चुकाने में सक्षम नहीं भी हो सकता है। 


2. उम्र:

एक क्रेडिट कार्ड की लिमिट आपकी उम्र पर भी निर्भर करती है। आपकी उम्र जितनी कम होगी आपको क्रेडिट लिमिट उतनी अधिक प्राप्त होगी। जबकि अगर आपकी उम्र अधिक है तो क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा आपको कम क्रेडिट  लिमिट प्रदान की जाएगी। कम उम्र में अच्छे मासिक आने वाला व्यक्ति ऋण चुकाने के मामले में एक अच्छा ग्राहक माना जाता है। यही कारण है कि एक क्रेडिट कार्ड की लिमिट निर्धारित करते समय उम्र को भी देखा जाता है। 

3.रोजगार स्थिति:

एक क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने में रोजगार की स्थिति काफी मुख्य भूमिका निभाती है। आपको एक क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए या तो नौकरीपेशा हो या रोजगार में होना चाहिए, तभी आप एक क्रेडिट कार्ड को प्राप्त कर सकते हैं। एक नौकरी पेशा या स्वरोजगार वाला व्यक्ति एक निश्चित मासिक आय करता है जिससे यह माना जाता है कि वह क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण को चुकाने में चूक नहीं करेगा। 

4. वर्तमान कर्ज:

एक क्रेडिट कार्ड की लिमिट निर्धारित करते समय क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा आपके ऊपर वर्तमान कर्ज को भी देखता है। अगर आपने अन्य बैंकों से कोई लोन लिया है या अन्य क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसका आप पर बकाया राशि है तो यह संभव है कि आप को कम क्रेडिट लिमिट प्रदान की जाए। लेकिन अगर आप पर वर्तमान कर्ज कम है और आप अपने वर्तमान कर्ज को समय पर चुकाते हैं तो आपको अधिक क्रेडिट लिमिट प्राप्त होने की पूरी संभावना होती है। 

5. क्रेडिट इतिहास:

एक क्रेडिट कार्ड जारी करते समय क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा आपके क्रेडिट इतिहास को भी देखा जाता है। एक क्रेडिट इतिहास से तात्पर्य यह होता है कि आप अपने ऋणों को समय पर चुकाते हैं या नहीं। अगर आप अपने ऋणों को समय पर चूकते हैं तो आपका क्रेडिट का इतिहास अच्छा माना जाता है और आपको अधिक क्रेडिट लिमिट प्राप्त होने की पूरी संभावना होती है। 


6. क्रेडिट स्कोर:

एक क्रेडिट कार्ड जारी करते समय आपके क्रेडिट स्कोर को भी देखा जाता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 से अधिक होता है तो आपको क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के योग्य माना जाता है। इसलिए अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको उच्च क्रेडिट लिमिट आसानी से प्राप्त हो सकती है। 

7. क्रेडिट कार्ड की प्रकृति:

एक क्रेडिट लिमिट क्रेडिट कार्ड की प्रकृति पर भी निर्भर करती है। आमतौर पर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा साधारण केटेगरी से लेकर प्रीमियम केटेगरी के क्रेडिट कार्ड जारी किए जाते हैं। अगर आप साधारण केटेगरी का क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो आपको कम क्रेडिट लिमिट प्राप्त होती है। जबकि एक प्रीमियम केटेगरी का क्रेडिट कार्ड लेने पर आपको अधिक क्रेडिट लिमिट प्राप्त होती है। 


लेकिन प्रीमियम केटेगरी का क्रेडिट कार्ड लेने के लिए आप की मासिक आय अधिक होनी चाहिए तथा इन प्रीमियम कैटेगरी के कार्ड पर आपसे अधिक शुल्क  लिया जाता है। 

8. पहला क्रेडिट कार्ड:

अगर आप क्रेडिट कार्ड पहली बार ले रहे हैं तो यह संभावना है कि बैंक द्वारा आपको काम क्रेडिट लिमिट प्रदान की जाती है क्योंकि बैंक निश्चित नहीं कर पाता है कि आप अपने ऋण समय पर चुकाएंगे कि नहीं। हालांकि आप अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बुद्धिमत्तापूर्ण करके अर्थात समय पर अपने बिलों का भुगतान करके अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को आगे चलकर बढ़ा सकते हैं।


क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे बढ़ाये?

अब हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताएंगे जिसके माध्यम से आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ा सकते हैं। तो चलिए अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट कैसे बढ़ाए के बारे में विस्तार से जाने। 

1. कार्ड का प्रयोग:

आप अपने क्रेडिट कार्ड का नियमित उपयोग करके तथा अपने क्रेडिट कार्ड के बिल को समय पर भुगतान करके अपने क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढ़ा सकते हैं। क्रेडिट कार्ड बिल का समय पर भुगतान करना यह दिखाता है कि आप अपने ऋणों को चुकाने में सक्षम है। अतः बैंक द्वारा आपके क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढ़ाने की पेशकश स्वत: ही कर दी जाती है। 

2. आय विवरण:

संभव है कि जब आप क्रेडिट कार्ड ले रहे हो तब आप की मासिक आय कम हो। लेकिन क्रेडिट कार्ड लेने के  कुछ समय बाद आपकी मासिक आय में अगर वृद्धि होती है तो है तो आप इसके बारे में नवीनतम पे स्लिप के साथ बैंक से संपर्क कर सकते हैं तथा अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं। अगर आपका आय बैंक की नजर में अधिक बढ़ा है तो आपके क्रेडिट लिमिट को  बढ़ा दी जाती है। 

3. क्रेडिट सीमा बढ़ाने का अनुरोध:

आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को बढ़ाने के लिए अपने बैंक से अनुरोध भी कर सकते हैं। अगर बैंक आपके अनुरोध से सहमत हैं तो आपके क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढ़ाने के बारे में वह विचार कर सकता है। 

4. नए कार्ड के लिए आवेदन:

आप अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट को नए कार्ड के आवेदन के द्वारा भी बढ़ा सकते हैं। कहने का तात्पर्य है कि क्रेडिट कार्ड अनेक प्रकार के होते हैं जिनकी क्रेडिट लिमिट भी अलग-अलग होती है। प्रीमियम कैटेगरी के क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करके आप अपने क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढ़ा सकते हैं। क्योंकि एक प्रीमियम कैटेगरी का क्रेडिट कार्ड अधिक क्रेडिट लिमिट के साथ आता है। 

5. बिलों का समय पर भुगतान:

अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान समय पर करते हैं तो आपका इससे आपका क्रेडिट स्कोर स्वत: ही बढ़ जाता है जिससे बैंक की नजर में आप एक जिम्मेदार कार्ड धारक के रूप में दिखाई देते हैं जो अपने ऋण का भुगतान समय पर करता है। एक उच्च क्रेडिट स्कोर को देखते हुए बैंक द्वारा स्वयं ही आपके क्रेडिट लिमिट को बढ़ाने की पेशकश की जाती है। 


6. धैर्य और प्रतीक्षा:

आप अपने क्रेडिट कार्ड को अगर अधिक समय तक इस्तेमाल करते हैं तथा अपने बिलों का भुगतान समय पर करते हैं तो बैंक द्वारा आपके क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढ़ाने की पेशकश खुद ही की जाती है। हालांकि इसके लिए आपको धैर्य और प्रतीक्षा करने की आवश्यकता होती है। समय के साथ और अपने क्रेडिट कार्ड के सही उपयोग के माध्यम से आप अपने क्रेडिट कार्ड लिमिट को बढ़ा सकते हैं। 


कुल क्रेडिट सीमा और उपलब्ध क्रेडिट सीमा के बीच अंतर (Difference Between Total Credit Limit and Available Credit Limit in Hindi)

कुल क्रेडिट सीमा और उपलब्ध क्रेडिट सीमा के बीच अंतर निन्म है –

1. कुल क्रेडिट सीमा (Total Credit Limit):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड प्रदान करते समय क्रेडिट कार्ड की जो क्रेडिट लिमिट अधारित की जाती है उसे कुल क्रेडिट सीमा के नाम से जाना जाता है।  


दूसरे शब्दो में अगर क्रेडिट कार्ड जारी करते समय क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट ₹1 लाख रुपये निर्धारित की जाती है तो क्रेडिट कार्ड की कुल क्रेडिटसीमा ₹1 लाख रुपये है। आप इस कुल क्रेडिट सीमा के भीतर अपने क्रेडिट कार्ड से धनराशि खर्च कर सकते हैं। 


अगर आप अपने कुल क्रेडिट  सीमा से अधिक धनराशि खर्च करते हैं तो आपको   इस पर अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होता है। 


2. उपलब्ध क्रेडिट सीमा (Available Credit Limit):

उपलब्ध क्रेडिट सीमा से तात्पर्य है कि अगर आपके क्रेडिट कार्ड की कुल क्रेडिट लिमिट ₹1 लाख रुपये है तथा आपने ₹1 लाख रुपये में से ₹ 60 हजार रुपये खर्च   कर दिए हैं तो बची हुई क्रेडिट लिमिट की ₹40,000 को उपलब्ध क्रेडिट सीमा कहते हैं अर्थात आप ₹60,000 खर्च करने बाद अब ₹40000 ही खर्च कर सकते हैं।  इसी बची हुई धनराशि को हम उपलब्ध क्रेडिट सीमा के नाम से जानते हैं।

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