क्रेडिट कार्ड के नियम एवं शर्तें (Credit Card Terms and Conditions in Hindi)

क्रेडिट कार्ड के नियम एवं शर्तें (Credit Card Terms and Conditions in Hindi)

Table of
Contents

  • क्रेडिट कार्ड के नियम एवं
    शर्तें
  • Fees and
    Charges
    • Fees payable
      on the Credit Card by the Cardmember
    • Cash Advance
      Fees
    • Charges
    • Interest Free
      Period
    • Finance Charges (Service Charges)
    • Late Payment Charges
    • Overlimit Fees
    • Payment Dishonor
    • Other Charges
  • Limits
  • Billing and
    Statement
  • Default
  • Right of Lien
  • Termination/Revocation
    of the Card Membership
  • Loss / theft
    / misuse of Card
  • Reward Points
  • Disclosure
  • Lounge Access

 

क्रेडिट कार्ड प्रदान करने वाले वित्तीय संस्थान ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड देने से पहले कुछ नियम और शर्तो का पालन करने के लिए समझौता करते हैं। एक क्रेडिट कार्ड के लिए नियम और शर्तें अलग-अलग क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता के लिए लगभग एक समान ही होते हैं। अतः आप यह कह सकते हैं कि आप एक सामान्य क्रेडिट कार्ड के नियम और शर्तों को लगभग सभी क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा पालन किया जाता हैं। 


आज हम इस लेख में कुछ सामान्य क्रेडिट कार्ड के नियम और शर्तों के बारे में चर्चा करेंगे, जो लगभग सभी क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा अपनी क्रेडिट कार्ड पर लगाया जाता है। तो चलिए सभी क्रेडिट कार्ड के नियम और शर्तों (All Credit Card Terms and Conditions in Hindi) को जानने का प्रयास करें। 

1. शुल्क व प्रभार  (Fees and Charges):

a) वार्षिक और नवीनीकरण शुल्क (Annual  & Renewal Fees):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ग्राहकों से वार्षिक शुल्क और नवीनीकरण शुल्क के रूप में शुल्क लिया जाता है। वार्षिक शुल्क को कार्ड लेते समय केवल एक बार  लिया जाता है जबकि नवीनीकरण शुल्क को हर साल क्रेडिट कार्ड के नवीनीकरण के लिए ग्राहक से लिया जाता है। यह शुल्क अलग-अलग क्रेडिट कार्ड के लिए अलग-अलग हो सकता है। यह क्रेडिट कार्ड की प्रकृति पर निर्भर करता है। इसके  के बारे में क्रेडिट कार्ड ग्राहक को प्रारंभ में ही जानकारी दी जाती है। 


इस शुल्क को क्रेडिट कार्ड धारक के खाते से सीधे लिया जाता है तथा उसके मासिक क्रेडिट कार्ड बिल विवरण में जोड़ दिया जाता है। अगर प्राथमिक कार्ड धारक के द्वारा अन्य क्रेडिट कार्ड भी लिया गया है तो उसके लिए अलग से वार्षिक शुल्क लिया जाता है। 

b) नकद अग्रिम शुल्क (Cash Advance Fees):

अगर क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा आवश्यकता पड़ने पर क्रेडिट कार्ड के माध्यम से घरेलू या अंतरराष्ट्रीय एटीएम से नगद निकासी की जाती है तो इस पर नकद अग्रिम शुल्क लिया जाता है। 

यह नकद अग्रिम शुल्क 2% से  3%  हो सकता है। यह भिन्न-भिन्न  क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता के लिए भिन्न-भिन्न हो सकता है। इसके लिए इसके बारे में और अधिक जानकारी आप अपनी बैंक शाखा से प्राप्त कर सकते हैं। 

c) नकद भुगतान शुल्क (Cash Payment Fee):

एक क्रेडिट कार्ड धारक अपने क्रेडिट कार्ड के बिल को अपने नजदीकी बैंक की शाखा में जाकर भी जमा कर सकता है। अगर वह इस विकल्प का चुनाव करता है तो उसे नगद भुगतान शुल्क के रूप में शुल्क भुगतान करने की आवश्यकता होती है। यह नगद भुगतान शुल्क 150 से लेकर 250 तक हो सकता है।

d) प्रभार (Charges):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड धारक पर समय-समय पर अन्य प्रभार शुल्क भी लगाए जाते हैं जिसे क्रेडिट कार्ड धारक को देना होता है। 

e) ब्याज मुक्त अनुग्रह अवधि (Interest Free Grace Period):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ग्राहक को ब्याज मुक्त अनुग्रह अवधि भी प्रदान की जाती है। इसका तात्पर्य है कि अगर क्रेडिट कार्ड धारक अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसी प्रकार की खरीदारी करता है तो 20 से लेकर 50 दिनों तक इस खर्च की की गई धनराशि पर ग्राहक से किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जाता है। अगर इस अनुग्रह अवधि के बाद क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा खर्च किए गए धन का पुनर्भुगतान नहीं किया जाता है तो उस पर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ब्याज लगाया जाता है। 

f) वित्त प्रभार (सेवा शुल्क) (Finance Charges (Service Charges):

क्रेडिट कार्ड द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी लेनदेन पर जो मासिक ब्याज लगाया जाता है उस पर सेवा शुल्क के रूप में ग्राहकों से शुल्क वसूल किया जाता है। यह शुल्क आमतौर पर लगभग 3.50% मासिक  होता है। 

g) विलंबित भुगतान शुल्क (Late Payment Charges):

अगर कार्ड धारक द्वारा अपने क्रेडिट कार्ड बिल को भुगतान की तिथि तक जमा नहीं किया जाता है या उनके द्वारा न्यूनतम देय राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो उन पर विलंब भुगतान शुल्क लगाया जाता है। यहां बकाया राशि के अनुसार लगाया जाता है। जैसे-जैसे आप की बकाया राशि बढ़ती जाती है इस पर लगने वाला विलंबित भुगतान शुल्क भी बढ़ता जाता है। 

h) ओवरलिमिट फीस (Overlimit Fees):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ग्राहकों को ओवरलिमिट की सुविधा भी प्रदान की जाती है। अगर कार्ड द्वारा अपने क्रेडिट लिमिट से अधिक राशि की निकासी की जाती है तो इस पर कार्ड जारीकर्ता द्वारा ओवरलिमिट फीस भी लिया जाता है। यह 2.5% के आस पास होता है। 

i) भुगतान अनादर (Payment Dishonor):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड ग्राहकों से भुगतान अनादर शुल्क भी लिया जाता है। 

j) अन्य शुल्क (Other Charges):

अन्य शुल्क के रूप में एक कार्ड बदलना, विवरण पुनर्प्राप्ति शुल्क, चेक भुगतान शुल्क, विदेशी मुद्रा लेनदेन शुल्क, विदेशी मुद्रा लेनदेन शुल्क आदि कार्ड ग्राहक से लिया जाता है। 



2. सीमाएं (Limits):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ग्राहक की क्रेडिट सीमा और नगद निकासी की सीमा पर कुछ सीमाएं भी आरोपित की जाती हैं। क्रेडिट कार्ड धारक को इन सीमाओं के भीतर ही नगद निकासी और उसके इस्तेमाल की सुविधा प्राप्त होती है। किसी भी ग्राहक की क्रेडिट सीमा और नगदी आहरण की सीमा कई कारकों पर निर्भर करता है। जैसे- ग्राहक की आय, ऋण चुकौती की क्षमता, सिबिल स्कोर आदि। 



3. बिलिंग और विवरण (Billing and Statement):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा अपने क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को प्रत्येक माह क्रेडिट कार्ड के बिल का विवरण भेजा जाता है। इस क्रेडिट कार्ड विवरण में देय राशि का पूरा विवरण होता है। आपको इस देय राशि का भुगतान देय तिथि तक करना होता है। आप चाहे तो न्यूनतम भुगतान राशि का विकल्प चुनकर अपने क्रेडिट कार्ड की सेवाओं को जारी रखने के लिए उस न्यूनतम राशि का भुगतान कर सकते हैं। 


अगर क्रेडिट कार्ड ग्राहक को अपने क्रेडिट कार्ड के बिल से किसी भी प्रकार की आपत्ति होती है तो वह 30 दिनों के भीतर इस बारे में आपत्ति दर्ज कर सकता है। अगर वह 30 दिनों के भीतर कोई आपत्ति दर्ज नहीं करता है तो यह माना जाता है कि क्रेडिट कार्ड धारक को अपने बिल विवरण से किसी भी प्रकार की आपत्ति नहीं है। 


4. चूक (Default):

अगर क्रेडिट कार्ड धारक अपने बिल को चुकाने में असमर्थ होता है तो उसकी बकाया राशि के बारे में समय-समय पर डाक, फ़ोन, ईमेल, एसएमएस आदि के माध्यम से उसे सूचित किया जाता है। साथ ही क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को यह अधिकार होता है कि वह अपने बकाया राशि की वसूली के लिए किसी तृतीय पक्ष की सहायता ले सकता है जो कानूनी रूप से मान्य हो। 



5. ग्रहणाधिकार (Right of Lien):

एक क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा कार्ड धारक से संबंधित किसी भी प्रकार के धन को, जो क्रेडिट कार्ड को लेते समय गिरवी रखा गया हो, को जप्त करने का पूर्ण अधिकार होता है। यह क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा तभी किया जाता है जब क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा अपनी बकाया राशि का पुनर्भुगतान नहीं किया जाता है। 



6. कार्डधारकता का समापन या प्रतिसंहरण (Termination/Revocation of the Card Membership):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता के पास पूर्ण अधिकार होता है कि वह जब चाहे ग्राहक के क्रेडिट कार्ड को समाप्त कर सकता है। अगर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा यह पाया जाता है कि ग्राहक द्वारा क्रेडिट कार्ड के नियम और शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है या उसका उल्लंघन किया गया है तो उसे ग्राहक की सेवाओं को समाप्त करने का अधिकार होता है। 



7. कार्ड का खोना /चोरी होना /या दुरुपयोग होना (Loss / theft / misuse of Card):

अगर किसी कारणवश आप का क्रेडिट कार्ड खो जाता है या चोरी हो जाता है तो आपको इसकी सूचना तत्काल अपने कार्ड जारीकर्ता को कस्टमर केयर कॉल पर करनी चाहिए। अगर आप इसकी सूचना तत्काल दे देते हैं तो इसके बाद आपके कार्ड से किसी प्रकार की धोखाधड़ी लेनदेन के प्रति आप की कोई जिम्मेदारी नहीं होती हैं। 



8. रीवार्ड प्वाइंट (Reward Points):

आज सभी क्रेडिट कार्ड अपने ग्राहकों को रीवार्ड प्वाइंट के रूप में पुरस्कार प्रदान करते हैं। लेकिन यह ध्यान देने योग्य बात है कि इन रिवॉर्ड पॉइंट की वैधता सीमित होती है। अगर आप इस सीमित अवधि में अपने रिवॉर्ड पॉइंट का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो यह अपने आप समाप्त हो जाते हैं। अतः इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने रिवॉर्ड पॉइंट का इस्तेमाल समय पर कर ले। 



9. प्रकटीकरण (Disclosure):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड ग्राहक की जानकारी को क्रेडिट इनफॉरमेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड के साथ साझा किया जाता है। यह ग्राहक की भुगतान प्रवृत्तियों को साझा करता है। साथ ही क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता आवश्यकता पड़ने पर ग्राहक के क्रेडिट कार्ड की जानकारी को अपने सहयोगी वित्तीय संस्थानों के साथ भी साझा कर सकता है। 



10. लाउंज की सुविधा (Lounge Access):

अधिकांश क्रेडिट कार्ड अपने ग्राहकों को लाउंज की सुविधा प्रदान करते हैं जो कि मुफ्त में होता है। लेकिन कुछ क्रेडिट कार्ड द्वारा इसके लिए शुल्क भी आरोपित किए जाते हैं या कार्ड धारक से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने क्रेडिट कार्ड से एक न्यूनतम राशि को खर्च करें, तभी वह इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। 

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