Home Loan Process in Hindi (Home Loan ka Process in Hindi)
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Home Loan Process in Hindi (Home Loan ka Process in Hindi)
वर्तमान में होम लोन के लिए अप्लाई करना अब कोई मुश्किल कार्य नहीं रह गया है। आप आसानी से ऑनलाइन माध्यम से या ऑफलाइन माध्यम से होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से अप्लाई करने के लिए आपको बैंक की वेबसाइट पर जाकर रजिस्टर करना होगा। इसके बाद बैंक की ओर से आपको फोन किया जाएगा और आगे की संबंधित कार्रवाई के लिए आपसे संपर्क किया जाएगा।
अब हम होम लोन प्रकिया की कुछ बातों के बारे में जानेंगे जो किसी बैंक से होम लोन प्राप्त करने के लिए पूरी करना आवश्यक होती है। तो चलिए होम लोन प्रोसेस के बारे में विस्तार से जाने।
होम लोन प्रक्रिया में मोटे तौर पर निन्म चरण हैं:
1. गृह ऋण आवेदन पत्र भरना (Fill up Home Loan Application Form):
होम लोन प्रक्रिया में सबसे पहला चरण होता है गृह ऋण आवेदन पत्र को भरना। इस आवेदन पत्र में आपको अपना नाम, पता ,आय विवरण और प्रमाण, रोजगार विवरण, शिक्षा विवरण और फोन नंबर जैसी जानकारियों को भरना होता है।
इसके बाद सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ जैसे- पहचान प्रमाण पत्र, पता प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि के साथ आवेदन पत्र को विधिवत भरकर जमा करना होता है। यदि आप सह-आवेदक के साथ आवेदन कर रहे हैं तो सह-आवेदक के लिए भी सभी दस्तावेजों को विधिवत भर के एक अलग सेट जमा करना होगा। साथ ही इस आवेदन पत्र पर आपको हस्ताक्षर करना होगा।
अगर आप एक वेतनभोगी कर्मचारी हैं तो आपको वेतन पर्ची (नवीनतम 3 महीनों के लिए), रोजगार प्रमाण, बैंक स्टेटमेंट (नवीनतम 6 महीनों के लिए) और नवीनतम फॉर्म 16 के लिए प्रमाण भी प्रस्तुत करना होगा।
अगर आप एक स्व-नियोजित व्यक्ति हैं तो आपको अन्य दस्तावेजों के साथ पिछले 2 वर्ष के आइटीआर रिटर्न की पूरी जानकारी को दस्तावेजों साथ प्रदान करना होगा।
यदि आपने होम लोन के लिए किसी संपत्ति को चुना है तो आपको इसका विवरण भी आवेदन पत्र के साथ प्रदान करना होगा। संपत्ति से संबंधित सभी दस्तावेज की फोटोकॉपी को आपको आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा।
2. प्रसंस्करण शुल्क का भुगतान (Pay Processing Fee):
गृह ऋण आवेदन पत्र को विधिवत भरने के बाद दस्तावेजों के साथ जमा करने पर बैंक द्वारा तय किया गया प्रसंस्करण शुल्क का भुगतान आवेदक द्वारा बैंक को करना होता है। यह एक Non-refundable शुल्क होता है जिसे आपको वापस नहीं किया जाता है। बैंक द्वारा प्रसंस्करण शुल्क का इस्तेमाल गृह ऋण के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के विवरण को सत्यापित करने और उसके संपत्ति के मूल्य और स्वामित्व की जांच के लिए करता है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह आवश्यक नहीं है कि आपके द्वारा प्रसंस्करण शुल्क का भुगतान करने पर आपके गृह ऋण को मंजूरी मिल जाएगी। यह भी हो सकता है कि बैंक द्वारा आपके गृह ऋण आवेदन पत्र को निरस्त कर दिया जाए। इस स्थिति में आपके द्वारा दिए गए प्रसंस्करण शुल्क को वापस नहीं किया जाएगा।
यह प्रसंस्करण शुल्क एक बैंक से दूसरे बैंक के लिए भिन्न-भिन्न हो सकता है। यह प्रसंस्करण शुल्क या तो एक निश्चित राशि हो सकती है या यह लिए जाने वाले ऋण का कुछ प्रतिशत हो सकता है। आमतौर पर बैंक द्वारा प्रसंस्करण शुल्क के रूप में ऋण राशि का .25% से लेकर 1% तक लिया जाता है। साथ ही इस पर लगने वाले करो (Taxes) को अलग से लिया जाता है।
3. बैंक चर्चा (Bank Discussion):
आवेदक द्वारा गृह ऋण के लिए विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र को प्रसंस्करण शुल्क के साथ बैंक में जमा करने के बाद कुछ कार्य दिवसों के भीतर बैंक द्वारा आवेदन को स्वीकृत या अस्वीकार करने के संबंध में निर्णय लिया जाता है। अगर बैंक द्वारा आवेदक के गृह ऋण को स्वीकार करने के संबंध में निर्णय लिया जाता है तो बैंक आपको चर्चा के लिए बुलाता है। अगर आप एक वेतनभोगी कर्मचारी हैं और समय की कमी के कारण आप बैंक में चर्चा के लिए नहीं आ सकते हैं तो बैंक द्वारा टेलीफोन पर भी आपको चर्चा के लिए आमंत्रित किया जा सकता है। अगर आप स्व -नियोजित व्यक्ति है तो बैंक प्रतिनिधि व्यक्तिगत चर्चा के लिए आपके कार्यस्थल पर भी जा सकते है ताकि वो व्यवसाय के बारे में और अधिक जानकरी प्राप्त कर सके।
4. दस्तावेज़ सत्यापन (Document Verification):
बैंक द्वारा आवेदक से व्यक्तिगत चर्चा पूरी करने के बाद वह आवेदक की पात्रता की जांच करता है। इसके लिए बैंक प्रतिनिधि आवेदक के वर्तमान निवास का दौरा भी कर सकता है। इसके साथ ही बैंक आवेदक के सिबिल स्कोर आदि की जांच भी करता है ताकि उसके ऋण चुकाने की क्षमता के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।
5. अनुमोदन प्रक्रिया (Approval Process):
एक अनुमोदन प्रक्रिया में बैंक अपनी क्रेडिट नीति के अनुसार यह तय करता है कि वह ऋण आवेदन को मंजूरी देगा या नहीं। आवेदक द्वारा जमा किए गए फॉर्म और दस्तावेजों से संबंधित जानकारी के आधार पर बैंक द्वारा आवेदक का पात्रता मूल्यांकन किया जाता है। बैंक द्वारा अपने प्रतिनिधि के माध्यम से आवेदक के घर या कार्यालय पर जाकर आवेदन पत्र में दी गई जानकारी की पुष्टि की जा सकती है। इसके बाद बैंक अपने आकलन के आधार पर आवेदक की ऋण पात्रता का निर्धारण करते हैं।
6. मंजूरी पत्र (Sanction Letter):
यदि आवेदक का गृह ऋण स्वीकृत हो जाता है तो बैंक द्वारा आवेदक को एक स्वीकृति पत्र भेजा जाता है। इस पत्र में आवेदक की पात्र ऋण राशि, ब्याज दर और नियम और शर्तों के साथ ऋण अवधि की जानकारी भी शामिल होती है। यदि आवेदक इन सभी शर्तों को स्वीकार करता है तो उसे इस मंजूरी पत्र पर हस्ताक्षर करने होते हैं। इसके बाद इसकी एक प्रति बैंक को भेजना होता है। इस मंजूरी पत्र में निम्नलिखित विवरण शामिल होते हैं-
- कुल स्वीकृत ऋण राशि
- गृह ऋण ब्याज दर
- लागू ब्याज दर का प्रकार (फिक्स्ड या फ्लोटिंग ब्याज दर)
- ऋण अवधि
- ईएमआई (जैसा लागू हो) देय
- स्वीकृति पत्र की वैधता
- संवितरण से पहले पूरी की जाने वाली विशेष शर्तें (यदि कोई हों)
- अन्य नियम और शर्तें।
7. संपत्ति सत्यापन (Property Verification):
आवेदक के गृह ऋण को बैंक द्वारा स्वीकार कर लेने के पश्चात बैंक द्वारा संपत्ति का सत्यापन किया जाता है। इस सत्यापन में बैंक द्वारा इस बात की कानूनी जांच की जाती है कि संपत्ति के संबंध में कोई विवाद तो नहीं है। बैंक द्वारा संपत्ति का तकनीकी मूल्यांकन भी किया जाता है। यदि संपत्ति निर्माणाधीन है तो बैंक द्वारा संपत्ति निर्माण के चरण, प्रगति और गुणवत्ता की भी जांच की जाती है।
अगर संपत्ति पुनर्विक्रय संपत्ति है तो बैंक द्वारा भवन की आयु, गुणवत्ता और रखरखाव के स्तर की जांच की जाती है, साथ ही बैंक द्वारा यह भी जांच की जाती है कि क्या संपत्ति को पहले से गिरवी तो नहीं रखा गया है।
इसके बाद आवेदक को संपत्ति की मूल प्रति के साथ संपत्ति के सभी कागजात को बैंक के पास जमा करना होगा। यह संपत्ति के कागजात बैंक के पास तब तक गिरवी रखे जाते हैं जब तक कि आवेदक द्वारा पूरा कर्ज वापस नहीं चुका दिया जाता है।
8. ऋण वितरण (Loan Disbursal):
जैसे ही बैंक के द्वारा संपत्ति का सत्यापन पूरा कर लिया जाता है। गृह ऋण आवेदक को अपने संपत्ति के मूल दस्तावेजों को बैंक के पास जमा करना होता है। जैसे ही आवेदक द्वारा अपने संपत्ति के मूल दस्तावेज को बैंक के पास जमा कर दिया जाता है और एक संवितरण अनुरोध किया जाता है तो बैंक के द्वारा आवेदक का संवितरण चेक तैयार करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाता है। इसके बाद आवेदक को ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करना होता है। ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद बैंक द्वारा गृह ऋण आवेदक को संवितरण चेक सौंप दिया जाता है। अब इस राशि का इस्तेमाल आप कर सकते हैं।