RBI Guidelines For Credit Card in Hindi (आरबीआई क्रेडिट कार्ड गाइडलाइन 2022)

RBI Guidelines For Credit Card in Hindi (आरबीआई क्रेडिट कार्ड गाइडलाइन 2022 | क्रेडिट कार्ड वसूली नियम)

Table of
Contents

  • RBI
    Guidelines For Credit Card in Hindi
    • कार्ड कौन जारी कर सकता है?
    • कोब्रांडेड कार्ड
      जारी करना
    • कार्ड के लिए स्पष्ट
      लिखित सहमति
    • अवांछित सुविधाएं जारी करना
    • क्रेडिट सूचना कंपनियों को रिपोर्ट करना
    • क्रेडिट कार्ड जारी करने के अन्य नियम
    • टेलीमार्केटरों के संबंध में प्रावधान
    • अंडरराइटिंग मानक
    • ईएमआई रूपांतरण के बारे में नियम
    • क्रेडिट कार्ड 7 दिनों के भीतर बंद
      करने होंगे
    • ब्याज दरों का न्यायोचित होना
    • न्यूनतम राशि का भुगतान और पिछले देय
      राशि
    • बिलिंग
    • ग्राहक के प्रति आचरण (क्रेडिट कार्ड वसूली नियम)
    • शिकायतों का निवारण

 

हाल ही में आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। यह निर्देश 1 जुलाई 2022 से लागू हो गए है। आज हम आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के लिए जारी दिशा-निर्देशों की चर्चा करेंगे। हम उन सभी दिशा-निर्देशों पर एक नजर डालेंगे जो आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के संबंध में जारी की गई है। 


आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के लिए जारी यह दिशानिर्देश भारतीय रिजर्व बैंक (क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड – जारी करने और आचरण) निर्देश, 2022 के रूप में जाना जाता है। इसमें कार्ड जारीकर्ता को कुछ नए दिशानिर्देश जारी किए गए है जिसका पालन कार्ड जारीकर्ता को करना होगा। 


नीचे हमने उन सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की है जिसके माध्यम से आप आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के लिए जारी दिशा-निर्देशों को आसानी से समझ सकते हैं। तो चलिए क्रेडिट कार्ड के लिए जारी आरबीआई दिशानिर्देशों को और विस्तार से जाने। 


1. कार्ड कौन जारी कर सकता है?

आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के लिए जारी गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि एक क्रेडिट कार्ड को कौन जारी कर सकता है। क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए वित्तीय संस्थान की कुल संपत्ति 100 करोड रुपए होनी चाहिए। 


नीचे हमने उन वित्तीय संस्थानों के बारे में बताया है जो क्रेडिट कार्ड कुछ नियम और शर्तों के अधीन जारी कर सकते हैं-

  • ऐसे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक जिनकी कुल संपत्ति 100 करोड़ है, वह क्रेडिट कार्ड जारी कर सकते हैं ,
  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए 100 करोड़ की सीमा एक अपवाद है। लेकिन उन्हें ऐसा करने के लिए अन्य बैंकों के साथ सहयोग करना होगा। 
  • शहरी सहकारी बैंक जिनकी कुल संपत्ति 100 करोड रुपए है, वह भी कुछ दिशा निर्देशों  के साथ कार्ड जारी कर सकते हैं, लेकिन वह को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकते हैं। 
  • एनबीएफसी जो रिजर्व बैंक में पंजीकृत है तथा जिनके पास कम से कम ₹100 करोड़ का शुद्ध स्वामित्व है, क्रेडिट कार्ड जारी करने के योग्य हैं। लेकिन उनके पास इसके लिए पंजीकरण प्रमाण पत्र और व्यवसाय में प्रवेश करने की अनुमति होनी चाहिए। 


2. को-ब्रांडेड कार्ड जारी करना:

  • बैंकों द्वारा को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए आरबीआई की मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। 
  • शहरी सहकारी बैंक अन्य गैर बैंक संस्थाओं के साथ सहयोग करके भी को ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकते हैं। 
  • एक को ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करते समय यह बताना आवश्यक होता है कि वह क्रेडिट कार्ड को ब्रांडेड व्यवस्था के तहत जारी किया गया है। 


3. कार्ड के लिए स्पष्ट लिखित सहमति:

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा जारी किए गए सभी क्रेडिट कार्ड के लिए ग्राहकों की स्पष्ट लिखित सहमति लेना आवश्यक होगा। बिना ग्राहक की लिखित सहमति के क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकता है। 


4. अवांछित सुविधाएं जारी करना:

आरबीआई द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड के लिए नए दिशा निर्देशों के अनुसार क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता एकतरफा क्रेडिट कार्ड को अपग्रेड नहीं कर सकता है अर्थात वह ग्राहकों की स्पष्ट समिति के बिना क्रेडिट सीमा में वृद्धि, अवांछित ऋण आदि प्रदान नहीं कर सकता है ,यह सुविधाएं प्राप्त करने के लिए ग्राहकों को स्वयं अनुरोध करना होगा, तभी क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा यह सुविधाएं क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता को प्रदान की जाएंगी। 


क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता कार्ड बदलने या नवीनीकरण या अवरुद्ध कार्ड के बदले एक प्रतिस्थापन कार्ड जारी करने के लिए भी ग्राहकों की स्पष्ट अनुमति लेना आवश्यक है। 


अगर ग्राहक के सहमति के बिना किसी प्रकार का अवांछित क्रेडिट कार्ड क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ग्राहक को भेजा जाता है और किसी प्रकार का शुल्क काटा जाता है तो यह शुल्क ग्राहकों को वापस कर दिया जाएगा तथा चार्ज किए गए मूल्य से दुगना अतिरिक्त जुर्माना ग्राहकों को क्षतिपूर्ति के रूप में प्रदान किया जाएगा। 


यह क्षतिपूर्ति, जिस व्यक्ति के नाम से क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है, उसे प्रदान किया जाएगा ,मुआवजा ना मिलने की स्थिति में कार्डधारक आरबीआई लोकपाल से भी संपर्क कर सकते हैं। 


5. क्रेडिट सूचना कंपनियों को रिपोर्ट करना:

अगर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट सूचना कंपनियों को ग्राहक के क्रेडिट इतिहास और कार्डधारक के पुनर्भुगतान रिकॉर्ड आदि के संबंध में कोई जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता पड़ती है तो क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को पहले ग्राहकों को इसके बारे में सूचना प्रदान करनी होगी तथा यह बताना होगा कि यह सूचना क्रेडिट सूचना कंपनी (विनियमन) अधिनियम, 2005 के अनुसार क्रेडिट सूचना कंपनियों को प्रदान किया जा रहा है। 


अगर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता को डिफॉल्टर के रूप में क्रेडिट सूचना कंपनियों को रिपोर्ट करना है तो इससे पहले क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को कार्ड धारक को 7 दिनों का नोटिस देना होगा। 


6. क्रेडिट कार्ड जारी करने के अन्य नियम:

एक क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता को क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा कार्ड के बारे में संपूर्ण विवरण को आवेदन पत्र के साथ प्रदान करना होगा। 


जब भी क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता से संचार के माध्यम से संपर्क किया जाता है तो उसे क्रेडिट कार्ड के महत्वपूर्ण नियम और शर्तों को भी भेजना होगा। इनमें सभी चार्जेस, फीस, निकासी और क्रेडिट सीमा, बिलिंग विवरण, देय न्यूनतम राशि, डिफ़ॉल्ट के लिए प्रक्रियाएं, कार्ड की समाप्ति, हानि या चोरी, और शिकायत निवारण आदि के बारे में विवरण शामिल होना चाहिए। 

अगर क्रेडिट कार्ड अस्वीकार कर दिया जाता है तो इसके बारे में लिखित में क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ग्राहक को कारण बताना होगा। 


क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा अपने ग्राहकों को खोए हुए कार्ड के लिए बीमा कवर की पेशकश की जा सकती है। लेकिन इसके संबंध में ग्राहकों की स्पष्ट सहमति लेना आवश्यक होता है, तभी उन्हें कार्ड के लिए बीमा कवर की पेशकश कर सकते हैं। 


क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को क्रेडिट कार्ड के एक्टिवेशन के लिए ओटीपी आधारित सहमति ग्राहकों से लेना आवश्यक होगा, अगर क्रेडिट कार्ड जारी करने के 30 दिनों से अधिक समय तक क्रेडिट कार्ड को सक्रिय नहीं किया जाता है। 


7. टेलीमार्केटरों के संबंध में प्रावधान:

आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के लिए जारी दिशा-निर्देशों में टेलीमार्केटरों के संबंध के संबंध में भी प्रावधान किया गया है। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा अपनी सेवाओं को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए गए किसी भी टेलीमार्केटर को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नियमों के साथ-साथ अवांछित वाणिज्यिक संचार – राष्ट्रीय ग्राहक वरीयता रजिस्टर (एनसीपीआर) के दिशा निर्देशों का भी पालन करना होगा। 


टेलीमार्केटर द्वारा ग्राहकों को एक निश्चित समय में ही संपर्क किया जाएगा। उन्हें सुबह 10:00 बजे 7:00 बजे तक सम्पर्क नहीं किया जाएगा। 


8. अंडरराइटिंग मानक:

आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के लिए जारी दिशानिर्देशों में क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता से यह अपेक्षा की जाती है कि वह आवेदकों के वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रखते हुए क्रेडिट कार्ड जोखिम का आकलन करने के बाद ही उन्हें क्रेडिट सीमा प्रदान करें। 


अक्सर यह देखा जाता है कि एक व्यक्ति कई क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी करते हैं। कार्ड जारीकर्ता द्वारा इस बात का ध्यान रखना होगा कि क्रेडिट सीमा को प्रदान करते समय क्रेडिट जोखिम का पारदर्शी तरीके से आकलन करना आवश्यक है क्योंकि अधिक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर उपभोक्ता के लिए उपलब्ध कुल क्रेडिट बढ़ जाता है। 

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा बिना कार्ड धारक की स्पष्ट सहमति के क्रेडिट सीमा को बढ़ाया नहीं जा सकता है। 


9. ईएमआई रूपांतरण के बारे में नियम:

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड लेनदेन को सामान मासिक किस्तों(ईएमआई) में परिवर्तित करते समय मूलधन, ब्याज, छूट के बारे में स्पष्ट विवरण ग्राहकों को देना आवश्यक होगा। साथ ही इन सभी विवरणों को कार्ड विवरण में भी शामिल करना आवश्यक होगा। 


अगर ईएमआई रूपांतरण में ब्याज रूपांतरण भी होता है तो इसके बारे में भी स्पष्ट जानकारी ग्राहक को देनी होगी। इसे छुपाया नहीं जा सकता है। 


साथ ही क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दिए जाने वाले सभी ऋणों जिनका ईएमआई  में रूपांतरण किया जाता है, उसमें आरबीआई के निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा। 


10. क्रेडिट कार्ड 7 दिनों के भीतर बंद करने होंगे:

अगर क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा अपने क्रेडिट कार्ड को बंद करने का अनुरोध किया जाता है तो उस क्रेडिट कार्ड को 7 कार्य दिवसों के भीतर बंद करना होगा। बशर्ते कार्ड धारक द्वारा सभी बकाया राशि का भुगतान क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को कर दिया गया हो। 


अगर कार्ड जारीकर्ता 7 कार्य दिवसों के भीतर क्रेडिट कार्ड खाता बंद करने में विफल रहता है तो उसे ₹500 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा। 


क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा कार्ड धारकों को क्रेडिट कार्ड बंद करने के लिए कई चैनल प्रदान करने चाहिए। जैसे- हेल्पलाइन, समर्पित ई-मेल-आईडी, इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस (आईवीआर), वेबसाइट पर प्रमुख रूप से दिखाई देने वाला लिंक, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल-ऐप आदि।

अगर किसी क्रेडिट कार्ड को 1 वर्ष से अधिक समय तक इस्तेमाल नहीं किया गया है तो क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा कार्ड धारक को इसके बारे में सूचना प्रदान की जाएगी और अगर 30 दिनों के भीतर कार्ड धारक की तरफ से किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होती है तो क्रेडिट कार्ड को बंद किया जा सकता है। 


अगर इस प्रकार किसी क्रेडिट कार्ड को बंद किया जाता है तो 30 दिनों के भीतर क्रेडिट सूचना कंपनियों को इसके बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। 


11. ब्याज दरों का न्यायोचित होना:

आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के लिए जारी दिशा-निर्देशों कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला ब्याज दर न्यायोचित होना चाहिए। अगर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा किसी प्रकार का अतिरिक्त या अधिक ब्याज वसूला जा रहा है तो उसे पारदर्शी होना चाहिए तथा इन ब्याज दरों को क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा अपने वेबसाइट के माध्यम से प्रचारित किया जाना चाहिए। 


कार्ड कार्ड जारीकर्ता द्वारा प्रत्येक अलग-अलग स्थिति के लिए लगने वाले वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) को बताना होगा। जैसे- खुदरा खरीद, शेष राशि हस्तांतरण, नकद अग्रिम, न्यूनतम देय राशि का भुगतान न करना, देर से भुगतान आदि पर लगने वाला ब्याज। 


वार्षिक प्रतिशत दर अर्थात एपीआर की गणना की विधि को भी स्पष्ट उदाहरणों के साथ क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को प्रदान करना होगा ताकि ग्राहकों को बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त हो सके। 


12. न्यूनतम राशि का भुगतान और पिछले देय राशि (RBI Guidelines for Credit Card Late Payment):

क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा अपने ग्राहकों को केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने के परिणामों के बारे में सूचित करना अनिवार्य होगा। क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को सभी बिलिंग विवरणों पर “हर महीने केवल न्यूनतम भुगतान करने से आपके बकाया राशि पर परिणामी चक्रवृद्धि ब्याज भुगतान के साथ महीनों/वर्षों में पुनर्भुगतान में वृद्धि होगी” को शामिल करना अब आवश्यक होगा। 


अगर कार्ड खाता बिल भुगतान तिथि के बाद के 3 दिन तक बकाया रहता है तभी क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा कोई दंडात्मक ब्याज या देर से भुगतान शुल्क लगाया जा सकता है। यह दंडात्मक ब्याज या देर से भुगतान शुल्क बकाया राशि पर लगाया जाता है न कि कुल राशि पर। 


अगर कार्ड जारीकर्ता द्वारा शुल्क में किसी प्रकार का परिवर्तन किया जाता है तो इससे संबंधित सूचना ग्राहकों को 1 महीने के पहले के प्रदान करना होगा। अगर अगर कार्ड धारक इन अतिरिक्त शुल्क से सहमत नहीं है तो वह अपने कार्ड को सरेंडर कर सकता है। इसके लिए उसे किसी प्रकार के अतिरिक्त शुल्क को देने की आवश्यकता नहीं होगी। 


अगर कार्ड जारीकर्ता द्वारा मुफ्त क्रेडिट कार्ड जारी किया जा रहा है तो इसके पीछे कोई भी छुपा हुआ शुल्क नहीं होना चाहिए। अगर किसी प्रकार का शुल्क है तो उसे ग्राहकों को सूचित करना आवश्यक होगा।


13. बिलिंग:

कार्ड जारीकर्ता द्वारा क्रेडिट कार्ड के बिल समय पर भेजना होगा तथा क्रेडिट कार्ड के बिल के भुगतान के लिए ग्राहकों के पास कम से कम 1 महीने का समय देना होगा। 


अगर क्रेडिट कार्ड बिल भेजने में किसी प्रकार की देरी होती है तो कार्ड धारक की सहमति से बिल विवरण को इंटरनेट/मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से भी भेजा जा सकता है। 


क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि भेजा गया बिल गलत नहीं है। इसकी जिम्मेदारी क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता की होगी। 


अगर कोई ऐसा लेनदेन जिसे ग्राहक द्वारा धोखाधड़ी के रूप में विवादित किया जा रहा है उस पर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा किसी भी प्रकार का लेन-देन शुल्क नहीं लगाया जाएगा जब तक कि उस विवाद का समाधान नहीं कर दिया जाता है। 


अब कार्ड धारकों को अपनी सुविधा के अनुसार अपने क्रेडिट कार्ड के बिलिंग चक्र को संशोधित करने का विकल्प प्रदान करना होगा। क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियों के पास उनके द्वारा जारी किए गए सभी क्रेडिट कार्ड के लिए एक मानक मानक बिलिंग चक्र नहीं है। लेकिन अब कार्ड धारकों को अपने बिलिंग चक्र को संशोधित करने का विकल्प प्रदान करना होगा। 


14. ग्राहक के प्रति आचरण | क्रेडिट कार्ड वसूली नियम (RBI Guidelines for Credit Card Payment Recovery in Hindi):

आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड के लिए जारी दिशा-निर्देशों में आचरण के बारे में भी बताया गया है। 


अब क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ऋण वसूली (RBI Guidelines for Credit Card Payment Recovery in Hindi) के दौरान किसी भी ग्राहक को किसी प्रकार की धमकी या उत्पीड़न करने की अनुमति नहीं होगी। इसमें मौखिक और शारीरिक दोनों तरह की चीजें शामिल है। इसमें ‘सार्वजनिक रूप से अपमानित करने या क्रेडिट कार्डधारकों के परिवार के सदस्यों, रेफरी और दोस्तों की गोपनीयता में दखल देने, धमकी देने और गुमनाम कॉल करने या झूठे और भ्रामक अभ्यावेदन करने’ आदि शामिल हैं। 


आरबीआई द्वारा दिए गए निर्देशों में क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को एजेंटों को उचित रूप से प्रशिक्षण देने के लिए आग्रह किया गया है। अतः अब क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को एजेंटों के प्रशिक्षण पर भी ध्यान देना होगा। 


15. शिकायतों का निवारण:

आरबीआई द्वारा क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता से एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने की अपेक्षा की गई है तथा इस शिकायत निवारण तंत्र को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया, क्रेडिट कार्ड बिल और खाता विवरण आदि के माध्यम से प्रचारित करने के लिए कहा गया है। 


अगर कार्ड धारक द्वारा किसी प्रकार की शिकायत की जाती है और 1 महीने के भीतर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता से उसे संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है तो वह इस संबंध में आरबीआई लोकपाल के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

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