Term Insurance Plan Terms and Conditions in Hindi (टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तें)

Term Insurance Plan Terms and Conditions in Hindi (टर्म इंश्योरेंस के नियम और शर्तें क्या हैं?)

जब भी आप एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने जाते हैं तो आपको टर्म इंश्योरेंस खरीदते समय बीमा कंपनी द्वारा टर्म इंश्योरेंस प्लान से संबंधित नियम और शर्तों के बारे में भी सूचित किया जाता है। इन नियम और शर्तों को पॉलिसीधारक को पालन करना आवश्यक होता है। 

टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तें टर्म प्लान से संबंधित सभी प्रकार के विवरणों का उल्लेख होता है। साथ ही उन चीजों का भी उल्लेख होता है जो कुछ विशेष स्थितियों में टर्म प्लान के तहत कवर नहीं किए जाएंगे। 

टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तों में आपको फ्री-लुक अवधि, अनुग्रह अवधि, प्रीमियम मोड / आवृत्ति, बहिष्करण और समावेश के बारे में विस्तार से जानकारी  प्रदान की गई होती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए ताकि आप इसके सभी नियम और शर्तों से अवगत रहे। 

एक टर्म प्लान आपके न रहने पर भी आपके परिवार की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करता है। एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेना आपके लिए काफी लाभदायक हो सकता है। एक टर्म पॉलिसी लेते समय आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तें को ध्यानपूर्वक पढ़ना जरूरी है। 

अब हम नीचे आपको टर्म प्लान के के नियम और शर्तें के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे हैं। इसको पूरा पढ़ने के बाद आप टर्म प्लान के नियम और शर्तों के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर पाएंगे। 

1. Free Look Period:

बीमा कंपनी द्वारा आपको एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी प्रदान करते समय 15 से 30 दिनों की एक फ्री लुक अवधि प्रदान की जाती है। अगर आप अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से संतुष्ट नहीं है तो आप इस फ्री लूक अवधि के भीतर अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकते हैं। 


अगर आप एक फ्री लूक अवधि के तहत अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी से बाहर निकलने का विकल्प चुनते हैं तो बीमा कंपनी द्वारा आपके सभी भुगतान किए गए प्रीमियम को वापस कर दिया जाता है। 


यह ध्यान देने योग्य बात है कि आपके प्रीमियम में से बीमा कंपनी द्वारा चिकित्सा परीक्षण खर्च और अनुपातिक जोखिम प्रीमियम की कटौती के बाद आपके सभी प्रीमियम वापस कर दिए जाते हैं। 


2. Grace Period:

एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को जारी रखने के लिए आपको टर्म इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है। अगर आप अपने प्रीमियम का भुगतान समय पर नहीं करते हैं तो आपका टर्म इंश्योरेंस प्लान समाप्त हो जाता है। 


आपको अपने टर्म इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम के भुगतान के लिए मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक एकमुश्त प्रीमियम भुगतान का विकल्प मिलता है। अगर आप अपने प्रीमियम का भुगतान नियत तारीख तक नहीं करते है तो बीमा कंपनी द्वारा आपको 30 दिनों की अनुग्रह अवधि (Grace Period) प्रदान की जाती है। 


इस ग्रेस पीरियड के दौरान अगर आप अपने टर्म इंश्योरेंस प्लान के प्रीमियम का भुगतान कर देते हैं तो आप अपने टर्म इंश्योरेंस प्लान को आगे के लिए जारी रख सकते हैं और अगर आप इस 30 दिनों के भीतर प्रीमियम का भुगतान नहीं करते हैं तो आपका टर्म इंश्योरेंस प्लान समाप्त हो जाता है। 


3. Revival of Policy:

बीमा कंपनी द्वारा आपको अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को पुनर्जीवित करने का विकल्प प्रदान किया जाता है। आप अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लैप्स होने के 2 से 5 सालों के भीतर अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को पुनः पुनर्जीवित कर सकते हैं। 


इसके लिए आपको इस अवधि के दौरान दिए जाने वाली प्रीमियम का भुगतान लागू ब्याज दर के साथ करना होता है। अगर आप अपने पॉलिसी लैप्स अवधि के दौरान दिए जाने वाले प्रीमियम को ब्याज के साथ भुगतान करते हैं तो आप अपने टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को पुनर्जीवित कर सकते हैं। 


4. Tax Benefits:

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर आपको कर लाभ भी प्रदान किया जाता है। आप अपने टर्म इंश्योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C और 10(10D) के तहत कर लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह आयकर बेनिफिट कर कानूनों और शर्तों के अनुसार होता है। 


5. Nomination:

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में पॉलिसीधारक के पास यह अधिकार होता है कि वह किसी भी समय नामांकन को बदल सकता है। पॉलिसी लेते समय पॉलिसीधारक के द्वारा बीमा लाभ प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को नामांकित करना होता है। अगर पॉलिसीधारक चाहे तो बाद में भी अपने नामांकित व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार बदल सकता है। इसके लिए पॉलिसीधारक को लिखित रूप से बीमा कंपनी को बताना होता है। 


6. Premium Mode / Frequency:

एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के नियम और शर्तों में आपको नियमित रूप से अपने टर्म इंश्योरेंस प्लान के लिए प्रीमियम का भुगतान करने के लिए भी कहा जाता है। अगर आप अपने प्रीमियम का भुगतान नियमित रूप से नहीं करते हैं तो आपका टर्म इंश्योरेंस प्लान समाप्त हो जाता है। 


बीमा कंपनी द्वारा आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम के लिए कई विकल्प प्रदान किए जाते हैं। आप अपने प्रीमियम भुगतान को मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक या एकमुश्त भुगतान करने का विकल्प चुन सकते हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार इन प्रीमियम भुगतान मोड में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। 


7. Loss of Original Policy Documents:

अगर किसी वजह से आपके टर्म इंश्योरेंस प्लान का मूल दस्तावेज खो जाता है या नष्ट हो जाता है, तो पॉलिसीधारक बीमा प्रदाता कंपनी पॉलिसी दस्तावेजों की प्रति जारी करने के लिए अनुरोध कर सकता है। 



8. Incontestability:

एक टर्म प्लान की अगर बिक्री विवरणिका में नियम और शर्त वास्तविक पॉलिसी  दस्तावेजों के नियम और शर्तों से अलग है तो पॉलिसीधारक द्वारा वास्तविक पॉलिसी  दस्तावेजों के तहत उल्लेखित नियम और शर्तों का पालन किया जाएगा। 


9. Suicide:

टर्म इंश्योरेंस के नियम और शर्तें में आत्म-नुकसान या आत्महत्या से संबंधित किसी भी मौत के लिए किसी प्रकार का बीमा  लाभ प्रदान नहीं किया जाता है। अगर बीमित व्यक्ति टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी शुरू होने के 1 वर्ष के भीतर आत्महत्या करता है तो बीमा कंपनी द्वारा बीमित व्यक्ति द्वारा नामांकित व्यक्ति को मृत्यु की तारीख तक भुगतान किए गए प्रीमियम का 80% वापस कर दिया जाता है। 


10. Exclusions under Accidental Death:

एक टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में पॉलिसीधारक की किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर बीमा कंपनी द्वारा बीमा लाभ प्रदान किया जाता है। लेकिन बीमा कंपनी द्वारा इसमें कुछ बहिष्करण (Exclusions) वशीकरण भी लागू है जिसके अंतर्गत अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु होती है तो उसे किसी प्रकार का बीमा लाभ प्रदान नहीं किया जाता है। 


नीचे बताए गए कुछ कारणों से अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु होती है तो उसे टर्म  पॉलिसी के तहत लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा-


  • शराब या नशीली दवाओं के प्रभाव में ड्राइविंग,
  • आपराधिक इरादे से अवैध गतिविधि में भाग लेना,
  • खतरनाक गतिविधियों खेलों में भागीदारी

11. Death from Participating in Criminal Activities:

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में अपराधिक गतिविधियों के दौरान हुए मृत्यु को कवर नहीं किया जाता है। अगर पॉलिसीधारक किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है और इस दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत किसी प्रकार का लाभ प्रदान नहीं किया जाएगा। 



12. Pre-existing Medical Conditions:
टर्म इंश्योरेंस प्लान में आपको क्रिटिकल इलनेस कवर और टर्मिनल इलनेस कवर जैसे राइडर्स के माध्यम से अतिरिक्त कवरेज जोड़ने का विकल्प प्राप्त होता है। इन राइडर्स को जोड़ने पर बीमा कंपनियों द्वारा पॉलिसी में प्रतीक्षा अवधि” शामिल की जाती है। प्रतीक्षा अवधि के समाप्त होने के बाद ही वह अपने इस पॉलिसी के अंतर्गत जुड़े क्रिटिकल इलनेस कवर और टर्मिनल इलनेस कवर आदि राइडर से लाभ प्राप्त कर सकता है। 

आपको प्रतीक्षा अवधि तक निर्धारित निश्चित अवधि तक प्रतीक्षा करनी होती है। गंभीर बीमारियों के मामले में यह प्रतीक्षा अवधि कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्ष तक भी हो सकती है। 


13. Death due to Intoxication:
अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु किसी प्रकार के नशे के कारण जैसे- ड्रग्स या अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन से होती है तो इसे टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के अंतर्गत कवर नहीं किया जाता है। इसके अंतर्गत हुई किसी प्रकार की मृत्यु के लिए बीमा कंपनी बीमा लाभ प्रदान करने के लिए उत्तरदायी नहीं होगी। 



14. Conditions regarding Lifestyle:

जीवन शैली से संबंधित किसी प्रकार की मृत्यु के मामले में भी टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत किसी प्रकार का लाभ प्रदान नहीं किया जाता है। जैसे अगर बीमित व्यक्ति धूम्रपान करने वाला है और धूम्रपान की वजह से उसकी मृत्यु होती है तो इसको टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जाता है। 
अगर बीमा धारक द्वारा पॉलिसी खरीदते समय धूम्रपान की आदत की घोषणा नहीं की जाती है तो बीमा कंपनी को यह अधिकार होता है कि वह इस मामले में बीमा के लिए दावे को अस्वीकार कर सकता है जहां बीमित व्यक्ति की मृत्यु धूम्रपान से संबंधित हो। 




15. Fraud:
अगर पॉलिसीधारक द्वारा किसी प्रकार का धोखाधड़ी व्यवहार आदि किया जाता है तो बीमा कंपनी को यह पूरा अधिकार होता है कि वह समर्पण मूल्य का भुगतान करके टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को तुरंत रद्द कर दे। 

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