क्या जीवन बीमा और टर्म इंश्योरेंस के बीच अंतर है? (Term Insurance vs. Life Insurance in Hindi)
क्या जीवन बीमा और टर्म इंश्योरेंस के बीच अंतर है? (Term Insurance vs. Life Insurance in Hindi)
आज हम इस लेख में टर्म इंश्योरेंस और जीवन बीमा पॉलिसी के बारे में बात करेंगे। यह दोनों बीमा पॉलिसी को लेकर काफी लोग दुविधा में रहते हैं क्योंकि दोनों ही लगभग एक जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं। अब हम आगे का टर्म इन्शुरन्स और पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी के कुछ फायदे और नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे।
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अब हम Term Insurance और Life Insurance के लाभों की तुलना करेंगे और हम यह देखेंगे कि आपको टर्म इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस में से किस प्रकार की पॉलिसी को खरीदना चाहिए और आप इसके माध्यम से कैसे अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
1. मृत्यु
लाभ (Death Benefit)-
Term Insurance और Life Insurance के बीच सबसे मुख्य अंतर (Term Insurance vs. Life Insurance in Hindi) यह है कि टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी बीमित व्यक्ति को पॉलिसी अवधि के दौरान केवल मृत्यु होने के मामले में ही मृत्यु लाभ प्रदान करती है और अगर व्यक्ति पॉलिसी अवधि तक जीवित रहता है तो टर्म इंश्योरेंस बीमित व्यक्ति को किसी भी प्रकार का लाभ प्रदान नहीं करती है जबकि एक जीवन बीमा पॉलिसी व्यक्ति को मृत्यु लाभ के साथ-साथ परिपक्वता लाभ (Maturity Benefit) प्रदान करती है। इस प्रकार जीवन बीमा पॉलिसी के माध्यम से आप दोनों प्रकार के लाभों (मृत्यु लाभ के साथ-साथ परिपक्वता लाभ) प्राप्त कर सकते हैं।
टर्म इंश्योरेंस में डेथ बेनिफिट के रूप में दी जाने वाली राशि जीवन बीमा पॉलिसियों द्वारा दी जाने वाली राशि की तुलना में बहुत अधिक होती है। अतः टर्म इंश्योरेंस प्लान कम प्रीमियम पर अधिक मृत्यु लाभ प्रदान करता है।
2. जोखिम
कवर बनाम जमा पूंजी–
टर्म इंश्योरेंस प्लान बीमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिवार को मृत्यु लाभ के रूप में धन राशि प्रदान करते हैं। हालांकि टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी द्वारा पॉलिसी अवधि तक जीवित रहने पर बीमित व्यक्ति को किसी भी प्रकार का परिपक्वता लाभ नहीं दिया जाता है। इसलिए टर्म इंश्योरेंस में ऐसे व्यक्ति निवेश कर सकते हैं जिनको केवल मृत्यु जोखिम कवर प्राप्त करना चाहते हैं और अधिक प्रीमियम का भुगतान करने के इच्छुक नहीं है।
जीवन बीमा पॉलिसी ऐसे लोगों के लिए है जो जीवन बीमा कवर के साथ-साथ जमा पूंजी कोष भी बनाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को एक पारंपरिक जीवन बीमा पॉलिसी में निवेश करने पर विचार करना चाहिए।
3. लचीलापन–
टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी को सरेंडर करना है जीवन बीमा पॉलिसी की तुलना में काफी आसान होता है। टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी में यदि बीमित व्यक्ति प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर देता है तो टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लाभ अपने आप समाप्त हो जाते हैं और पॉलिसी भी समाप्त हो जाती है।
जीवन बीमा पॉलिसियों में बीमित व्यक्ति को परिपक्वता लाभ तभी प्रदान किया जाता है जब बीमित व्यक्ति पॉलिसी की पूरी अवधि में प्रीमियम का भुगतान करता है। अगर किसी कारणवश व्यक्ति जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम का भुगतान करना बंद कर देता है तो उसे दिए गए प्रीमियम राशि का ही भुगतान किया जाता है जिसमें से कुछ शुल्क भी बीमा कंपनी द्वारा वसूल किए जाते हैं।
4. प्रीमियम
राशि–
यदि कोई व्यक्ति जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy) के तहत उच्च कवरेज चाहता है तो उसे उसी के अनुपात में अधिक प्रीमियम राशि प्रीमियम राशि का भुगतान करना पड़ता है। इस प्रीमियम राशि के कारण अधिकांश बीमा ग्राहक पर्याप्त कवरेज प्राप्त नहीं कर पाते हैं। साथ ही जीवन बीमा आपको कम रिटर्न देती हैं और अगर पॉलिसीधारक द्वारा पॉलिसी को सरेंडर कर देता है तो उस स्थिति में यह और कम हो जाती है।
लेकिन टर्म इंश्योरेंस प्लांस अधिक किफायती होते हैं और न्यूनतम प्रीमियम राशि पर आपको उच्च कवरेज प्रदान करते हैं।
5. कर
लाभ–
टर्म इंश्योरेंस प्लान के अंतर्गत किया गया प्रीमियम भुगतान न्यूनतम होता है और साथ ही यह आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए भी योग्य होता है। जीवन बीमा पॉलिसी में भी आपको कर छूट प्रदान की जाती है। यह दोनों पालिसी आपको कर छूट प्रदान करते हैं। यह आपके ऊपर पड़ने वाले कर भार को कम कर सकते हैं।